कोरोना महामारी की वजह से अर्थव्यवस्था को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है.
कोरोना महामारी (Coronavirus Pandemic) की वजह से अर्थव्यवस्था को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. हर रोज इसके असर को अलग-अलग इंडस्ट्री के बिजनेस और लोगों पर देखा जा सकता है. इसके प्रकोप की कीमत का इस समय आकलन करना मुश्किल है क्योंकि अभी भी हम इस संकट की स्थिति से लड़ने की कोशिश कर रहे हैं. हालांकि, हम यह देख सकते हैं कि अलग-अलग संस्थाएं इस महामारी की वजह से कैसे प्रभावित हो
इन सेक्टर्स पर सबसे ज्यादा असर
लॉकडाउन की वजह से सबसे बड़ा झटका एविएशन, ट्रैवल, हॉस्पिटैलिटीऔर टूरिज्म सेक्टर को लगा है. ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री भी अपने कामकाज के प्रभावित होने से सप्लाई चैन में बड़ी रुकावट को झेल रही है. इस संकट का वित्तीय असर संगठनों में सैलरी में बढ़ोतरी और बोनस पर देखने को मिल सकता है और इन सेक्टर्स पर सबसे ज्यादा बुरा असर होगा.
इसके अलावा वायरस महामारी से पहले आर्थिक सुस्ती की वजह से भी इस साल सैलरी में बढ़ोतरी पर असर होने की उम्मीद है. साल 2020 में भारतीय कर्मचारियों की सैलरी में औसत 9.1 फीसदी की वृद्धि की उम्मीद की जा रही था. Aon की स्टडी के मुताबिक यह दशक में सबसे कम मानी जा रही थी, जो आर्थिक सुस्ती का असर था. लेकिन वैश्विक अर्थव्यवस्था को महामारी के झटके के बाद इसका असर ज्यादा होने वाला है. वेतन वृद्धि में देरी की उम्मीद की जा सकती है.
कई संस्थाएं अभी इंतजार कर रही है और वर्तमान स्थिति का आकलन कर रही हैं. इसके साथ ही यह उम्मीद की जा सकती है कि फिक्स्ड सैलरी में बढ़ोतरी से ज्यादा असर बोनस के भुगतान पर होगा क्योंकि वे किसी संगठन की बिजनेस परफॉर्मेंस को दिखाता है. इस अप्रत्याशित समय ने संगठनों को संकट में डाल दिया है कि वे परफॉर्मेंस अप्रेजल, सैलरी में बढ़ोतरी पर उसके असर, कंपनी के कर्मचारियों को बरकरार रखने और कर्मचारियों के कुल हौसले को लेकर क्या फैसला लें.
एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत के आईटी सेक्टर में सैलरी में बढ़ोतरी को रोका जा सकता है और बोनस में कटौती की जा सकती है. यह कोरोना महामारी की वजह से हुए नुकसान की वजह से किया जा सकता है.
कई कंपनियों ने कर्मचारियों को दी जानकारी
कई संगठनों ने इस महामारी के कर्मचारियों पर संभावित वित्तीय असर के बारे में उन्हें जानकारी दे दी है. गूगल ने अपने परफॉर्मेंस रिव्यू और प्रमोशन में देरी की पुष्टि की है. अपोलो टायर्स ने एलान किया है कि उसका टॉप मैनेजमेंट 15 फीसदी से 25 फीसदी की कटौती लेगा. सरकारी एयर इंडिया ने अभी अलाउंसेज में कमी का एलान किया है.
मौजूदा समय में कर्मचारी भी परेशान हैं और अप्रेजल और सैलरी में बढ़ोतरी से जुड़े चल रहे आकलन से उनका विश्वास गिर सकता है. इस संकट के समय में कर्मचारी अपने फैसलों और संवाद में पारदर्शिता से अपने कर्मचारियों को प्रोत्साहित रख सकते हैं. इस समय कर्मचारियों के साथ संवाद करने और उनकी उम्मीदों को मैनेज करने की जरूरत है. इसके लिए संगठनों को वर्तमान संकट के सेल पर असर के बारे में कर्मचारियों को बताना होगा और कैसे इससे बोनस और सैलरी में बढ़ोतरी प्रभावित होगा, यह भी जानकारी देनी होगी. इससे उन्हें कर्मचारियों का हौसला बनाए रखने में भी फायदा होगा.
कोरोना वायसरस की महामारी ने कारोबारों को मुश्किलों में डाला है जहां उन्हें मुश्किल फैसले लेने की जरूरत है लेकिन इससे उन्हें अपने अतिरिक्त खर्चों में कटौती करने के तरीकों के बारे में जानकारी मिलेगी और इनोवेशन करने में मदद होगी.